देखा मुझे मुस्कुराकर नजरें, झुका दी कितनी सादगी से, बिजली गिरा दी।
जी चाहे तोड़कर रस्मों की जंजीरों, को मैं तुझको बांध लूं, प्रीत की डोरी से।
जब भी जिक्र होगा मेरा तेरे सामने कभी तनहाई में जाकर अश्क, बहाया करेगी बहुत।
नहीं भूल पाऊंगा तेरी बाहों के दायरे, क्या एक बार फिर प्यार, को निभाने आओगी।
प्यार तुमने खुद किया था किसी, की मर्जी से नहीं वफ़ा निभा दे हर, एक से मुंह मोड़ कर।
मेरी जिंदगी है तेरे प्यार की कहानी, मर जाऊंगा जानम मुझे, ना भूल जाना।
क्या हालत है मेरी ए बेवफा तू, क्या जाने मेरी तो मौत भी मेरी, जिंदगी से घबरा गई।
एक पल भी चैन नहीं आता, क्यों तूने प्यार किया, मुझसे इस कदर |
किस पर अब यकीन हम करें ए, सनम इस शहर का हर शख्स, प्यार से अंजाना है।
मैं तेरी यादों में गुजार दूंगा, उम्र तमाम दिल में तेरी सूरत, रहेगी लब पे तेरा नाम।
न जाने क्यों तेरा ख्याल मिटाए, नहीं मिटता मेरी आंखों से तेरा, चेहरा हटाएँ नहीं हटता।
चलो अब मिल जाए सब पहरे तोड़कर आओ कहीं दूर चले, यह शहर छोड़ कर।
मैं कैसे भूल जाऊं ,तेरे प्यार की बातें तेरी मुलाकातों के सवेरे, तेरे मिलन की रातें |
दिल से दिल मिला था,होठों से होठ मिले थे उन रातों में प्यार के, कुंवारे फूल खिले थे।
अब बहारें आए तो कैसे, आए मेरे गुलशन से, जब वही रूठ गए।
मुझे बहुत याद आता है वो गुजरा जमाना, देखना ,मुस्कुराना और, दौड़कर लिपट जाना।
तेरी गलियों की खाक में सितारे हैं। सच बताओ कि गैरों, के या हमारे हैं।
वो आईने में यूँ खुद को देख रहे हैं, मानो कि जवाब अपना, ही ढूंढ रहे हैं।
यकीन रख ये दुआ कबूल होगी, हमारी अरमानों की हर कली खिल, के फूल होगी हमारी।
ए खुदा मेरे महबूब से मुझको मिला दे, हां मुझे मेरी मोहब्बतों का सिला दे |
बड़े ही चुपके से भेजा था, मेरे महबूब ने मुझे एक गुलाब, कम्बख्त उसकी खुशबू ने, सारे शहर में हंगामा कर दिया |
'खुबिया इतनी तो नहीं किसी का दिल जीत सके लेकिन कुछ पल ऐसे छोड़ जायेगे भूलना भी आसान न होगा । '
बस यू ही मेरे मुस्कराने की, तुम वजह बने रहना, जिंदगी में न सही, मगर मेरी जिंदगी बने रहना |
अगर तू समझता है, फिजूल मुझे, तो कर हिम्मत, और फिर भूल मुझे |